Tenali raman stories in hindi
51 Best Tenali Rama Short Parabolical in Hindi | तनलरम क कहनय
तनलरम हमर दश क महन रज कषणदवरय क रजय क आठ शरषठ कवय म स एक थ | जस परकर आपन Akbar Birbal Short Stories
Tenali Rama Stories in Hindi
तनलरम न सरफ एक पतर ह, बलक वह चतरई, ववकशलत, वदवत और वनमरत क दसर नम ह पचततर क कथओक तरह तनलरम क हर कथए शकषपरद ह, य कथए नत क, समज क, शतर और मतर क परख क भद बतत ह तनलरम एक ऐस पतर ह, ज सतय और सहषणत क पथ पर डट.
रहकर अपन करततवय पथ पर बढत जन क सख दत ह, और आपम यह वशवस भरत ह क इनसन कतन भ मसबत स कय न गजर, अत म जत सतय क ह हत ह बचच, बड और घरल सतरय क पढन यगय तनलरम क शकषपरद कहनय आपक वयकततव क बदल डलग
सनहर पध
जदगर क घमड
उबस क सज
रसगलल क जड
अपमन क बदल
अगठ चर
सठज
सरद क मसम थ तनलरम शम क समय रजमहल स वपस लट रह थ तभ उस समन एक भखर नजर आय तनलरम न जब स एक चद क सकक नकल कर भखर क हथ पर रख परनत भखर उस लन स इनकर करत हए बल, 'शरमन!
मझ भख नह चहए म जनत ह, आप रजदरबर क अषटदगगज म स एक ह मर एक समसय ह म आपस सरफ उसक समधन चहत ह'
"ओह! बतओ भई तमहर कय समसय ह?" तनलरम न भखर स पछ
कछ हचकत हए भखर बल, "म जनत ह क म एक गरब भखर ह, पर मर दल इचछ ह क लग मझ 'सठज' कह कर पकर दरभगयवश, मझ कई तरक नह सझ रह क लग मझ 'सठज' कहकर बलए"
तनलरम कछ दर सचत रह, फर बल, "मर पस तमहर समसय क समधन ह दखन जलद ह लग तमह 'सठज' कहकर बलयग बस म जस कह, वस ह करत जन तम इस जगह स कछ दर खड़ ह जओ और जब भ तमह कई 'सठज' कह कर पकर, उसक पछ ऐस दड़न जस उस मरन आ रह ह" तनलरम न उस भखर क समझय और वह स चल गय
भखर उस जगह स कछ दर जकर खड़ ह गय इस बच तनलरम न कछ शतन बचच क पस बलय और भखर क ओर इशर करत हए बल, बचच, व आदम दख रह ह, ज वह खड़ ह उस सठज कहकर पकरन स वह बहत चढ़त ह
बचच क ऐस बत पत चलत ह शतन सझ जलद ह सभ बचच उस भखर क आस-पस खड़ हकर जर-जर स सठज
शकष (Moral of Story):थड़ दमग लड़न स बड़ स बड़ और छट स छट समसय क समधन नकल आत ह
सबस बड़ भखर
एक दन रज कषणदव रय कछ दरबरय क सथ घमन नकल रजधन क बजर और मदर क समन भखरय क भड़ थ उनहन आकर दरबरय स पछ, त व बल- "महरज, वजयनगर म भखरय क सखय कफ बढ़त ज रह ह"
सनकर रज चक फर बल - त कय हमर शसन वयवसथ ठक नह ह भल इतन लग क भख कय मगन पड़ रह ह?
सनकर सब चप कस क समझ म नह आय क इस सवल क कय जवब दय जए?
कछ दर बद रज न तनलरम क बलकर कह तनलरम, जर पत लगओ क हमर रजय म भखरय क सखय इतन कय बढ़त ज रह ह
तनलरम बल - महरज, मझ इसक लए सत दन क छटट चहए
कय?
रज न पछ
इसलए महरज क म भ भख मगकर थड़ कमई कर ल फर आपक सवल क जवब भ ढढ़ लग- तनलरम बल
सनकर रज हस पड़ बल- ठक ह तनलरम, पर सत दन क अदर मर सवल क जवब मलन चहए
एक-एक करक छह दन बत गए रज क उतसकत थ क भल तनलरम कर कय रह ह उनहन दरबरय स पछ त सभ मह फरकर हसन लग आखर परहत न कह - महरज, वकई तनलरम भख मग रह थ, हमन खद अपन आख स दख थ
ह, महरज तनलरम बहत जदद ह गय ह अब त उस रजदरबर क परतषठ क भ परवह नह ह- मतर न कह
रज क करध आ गय बल - अचछ त अब तनलरम न भख मगन भ शर कर दय रज अपन बत पर कर पत इसस पहल भखरय क एक दल वह आ गय उनम स आग वल भखर बल - महरज, अभ भख मगन कह सख पए ह?
भख मगकर पहल त गजर ह कह हत ह?
George h. w. bush biography videosफर उसम न जन कस-कस क हसस
कसक हसस - रज न पछ
इसक उततर त हम नह रजय क सबस बड़ भखर द सकत ह, ज हम सबस भख मगवत ह
कन ह सबस बड़ भखर? रज न चललकर कह यह मतर ज बतएग महरज, यह भखर पत नह कय उलट-सध बल रह ह आप इसक बत मत सनए -मतर न आग बबल हकर कह
ठक ह महरज, आप उस भखर क बत मत सनए, पर मर बत त आपक मनन पड़ग कहत-कहत आग खड़ तनलरम न अपन फट चग उतर, त समन तनलरम खड़ थ दखकर रज चकरए तनलरम बल - महरज, इतन समय स भखरय क बच रहकर मन सबस बड़ भखर खज लय ह मतर ज बतइए क उनहन उस कह छप दय ह, वरन त
सनकर मतर क चहर क हवइय उड़न लग उसन मन लय क उसक दर क रशतदर रघरज क गरफतर कर लय दखत ह दखत रजय स भखर गयब ह गए मतर क कड़ फटकर पड़ उसन आग स गलत लग क सथ न दन क कसम खई हर कई तनलरम क परशस कर रह थ
पकड़ गय शर
तनलरम कई दन बद अपन गव गय त पत चल क गव वल एक शर क करण बहत दख ह शर जगल स भगकर गव म आ गय थ और पस ह झड़य म छपकर रह रह थ गव क कई लग क उसन अपन शकर बनय थ
जब तनलरम घर पहच, त एक बढ़ आदम न कह - अर, तनलरम तमहर चतरई क चर ओर खब चरच ह त तम शर क आतक स गव वल क कय नह बचत?
तनलरम चकरय बल - लकन शर क त शकर पकड़ग म भल इसम कय कर सकत ह? ह, वपस रजदरबर जऊग त कस कशल शकर क यह भज दग ज आप लग क शर क आतक स मकत करए
तनलरम कछ बल नह, चप रह अगल दन उसन पज लगय क शर अकसर गव क बहर सम पर परव स पशचम क ओर जत ह वह उसक पर क नशन थ जयदतर गव वल क यह बत पत थ, इसलए अब व उधर नह जत थ पर अनजन लग क यह सब पत नह थ और व शर क चगल म फसकर मर जत थ रज कई न कई हदस ह जत थ
तनलरम न कछ दर सच फर कह- कछ नजवन हथ म लठ, रसस और फवड़ लकर मर सथ चल म दखन चहत ह, वह जगह कन-स ह?
शर नह त जर शर क पव क ह दरशन कर ल सनकर सब मसकरए
आखर तनलरम सबक सथ उस जगह पहच, जह शर न जयदतर लग क शकर कय थ उसन चर तरफ नजर दड़ई, फर बच म एक जगह गडढ़ खदन क लए कह फर उस गडढ़ क घस-फस और झड़य स अचछ तरह स ढक दय गडढ़ क दसर और एक बकर बध दय गय फर सब एक ऊच मचन पर बठ गए
थड़ दर म ह शर क आन क आहट सनकर बकर ममयन लग बकर जतन तज स म-म चलल रह थ, शर भ उतन ह तज स पछ उठए उसक ओर चल ज रह थ पर थड़ आग आत ह अचनक गडढ़ म उसक पर पड़ और वह धपप स उसम गर गय उस समय झटपट गव क जवन लठय लए हए आए और शर क बधकर एक जगल म छड़ आए फर जगल और गव क बच बड़-बड़ कटल तर लगव दए गए
कछ दन बद छटटय खतम हत ह तनलरम अपन गव स रजदरबर पहच तब तक शर क पकड़न क कसस भ वजयनगर म पहच चक थ रज कषणदव रय न तनलरम स पछ - सन ह तनलरम तमन गव म कई शर पकड़ ह, तमह डर नह लग?
तनलरम हसकर बल - महरज यह रजदरबर म ऐस-ऐस महन शरवर क वयग बण झलत ह और उनह भ बरदशत करत ह त फर भल जगल क एक अदन-स शर मर कय बगड़ लत? सनकर महरज हस पड़, परनत मतर और रजदरबर कछ झप गए थ
आश ह Tenali Rama Short Stories in Sanskrit क यह सकलन आपक पसद आय हग इस पज पर द गई कहनय आपक मन क गदगदन म सकषम ह